'Stopping by Woods on a Snowy Evening'
Stopping By Woods On A Snowy Evening
by Robert Frost
Whose woods these are I think I know.
His house is in the village, though;
He will not see me stopping here
To watch his woods fill up with snow.
My little horse must think it queer
To stop without a farmhouse near
Between the woods and frozen lake
The darkest evening of the year.
He gives his harness bells a shake
To ask if there is some mistake.
The only other sound's the sweep
Of easy wind and downy flake.
The woods are lovely, dark, and deep,
But I have promises to keep,
And miles to go before I sleep,
And miles to go before I sleep.
रॉबर्ट फ्रोस्ट की कविता 'Stopping by Woods on a Snowy Evening' मेरी प्रिय कविता है। मैं बहुत दिनों से इसका हिन्दी अनुवाद ढूंढ रहा था। हाल ही में मुझे इस कविता के अंतिम पैराग्राफ का हिंदी अनुवाद मेरे संगीत गुरु श्री रविचन्द्र जोशी जी ने उपलब्ध कराया। यह अनुवाद स्वर्गीय श्री गिरिजा कुमार माथुर ने किया है....हालांकि यह अनुवाद मूल कविता से सीधे तौर पर मेल नहीं खाता लेकिन कविता का मूलभाव इसमें परिलक्षित होता है....यह है इस कविता के अंतिम पैराग्राफ का हिंदी अनुवाद
गहन सघन मनमोहक वन तरु
मुझको पास बुलाते हैं,
किन्तु पूर्व किए जो वादे
मुझको याद हो आते हैं।
अभी कहां अवकाश मुझे
यह मूक निमंत्रण छलना है,
अभी मुझे तो मीलों मुझको,
मीलों मुझको चलना है...
इस कविता का उर्दू अनुवाद मैं शीघ्र ही पोस्ट करूंगा। आपकी टिप्पणियों और सुझावों की इंतज़ार रहेगा।
नमस्कार
मेरी पसंद की कविताएं, प्रेरक विचार व प्रसंग, नैतिक कथाएँ, संस्मरण, लेख, हिन्दी अनुवाद... और न जाने क्या-क्या... इस खज़ाने में आप भी अपने हीरे-मोती शामिल कर सकते हैं... कृपया इस पते पर अपने ई-मेल करें... surendersml@gmail.com
Saturday, 30 May 2009
मेरा खज़ाना
बचपन से ही पढ़ने-लिखने का शौकीन हूँ और जब-कभी भी कुछ अच्छा पढ़ने को मिलता है तो उसको अपनी डायरी में नोट कर लेता हूँ। अब यही बात अंतरजाल पर भ्रमण के दौरान भी हो जाती है... जब भी कुछ अच्छा पढ़ने को मिलता है, तो उसे मैं अपनी कम्प्टूयर फाइलों मे सहेजने का लोभ संवरण नहीं कर पाता। इस तरह धीरे-धीरे एक खज़ाना बनता जा रहा है। मुझे लगा ज्ञान के इस खज़ाने को बांटा जाना भी जरूरी है (क्योंकि ज्ञान बांटने से बढ़ता है), इसी के दृष्टिगत मैंने यह ब्लॉग शुरू किया है। आप भी इसमें अपना योगदान देने के लिए सादर, साग्रह आमंत्रित हैं।
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